छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल | Major tourist places of Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल | Major tourist places of Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ का पर्यटन स्थल

छत्तीसगढ़ राज्य मध्य भारत का एक विशाल वनों से घिरा हुआ राज्य है जो अपने मंदिरों और झरनों के लिए जाना जाता है छत्तीसगढ़ भारत का 10 वां सबसे बड़ा और 16 वां सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। छत्तीसगढ़ को मुख्य रूप से दक्षिण कोसल के रूप में जाना जाता है जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में मिलता है।

छत्‍तीसगढ़ प्रकृति की गोद में बसा हुआ है इस कारण छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सुंदरता से भरा पड़ा है। यह राज्‍य देश का हृदय स्‍थल होने के कारण यह अनेक ऐतिहासिक, धार्मिक एवं प्राकृतिक दर्शनीय स्‍थलों से परिपूर्ण है।

यहां अनेक धर्म सम्‍प्रदायों की उत्‍पत्ति हुई है एवं उनकी प्रचार स्‍थली है। पर्यटन की दृष्टिकोण से छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के छोटे-बड़े लगभग 100 से ज्यादा स्‍थान, पर्यटन स्‍थल के रूप में चिन्‍हांकित किए गए हैं।

भोरमदेव मंदिर

भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर प्रदेश का एक ऐतिहासिक मंदिर है जो कबीरधाम से लगभग 16 कि.मी. की दूरी पर चौराग्राम में मैकल श्रेणी पर स्थित है। फणीनागवंशी शासक गोपाल देव द्वारा 11वीं सदी में इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण कराया गया था।

राजिम धार्मिक स्थल

राजिम छत्तीसगढ़ की प्रयाग नगरी के नाम से प्रसिद्ध राजिम नगरी, महानदी, पैरी नदी और सोंढूर नदी के त्रिवेणी संगम पर गरियाबंद जिले में स्थित है। यह छत्तीसगढ़ में सामाजिक, धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।

यहां पर नलवंशीय शासक विलासतुंग के द्वारा 7वीं 8वीं शताब्दी में निर्मित राजीव लोचन मंदिर स्थित है। साथ ही संगम स्थल पर कुलेश्वर महादेव मंदिर स्थित है जहां से पंचकोशी यात्रा का शुभारंभ माना जाता है। इसके अतिरिक्त विशाल बटवृक्ष स्थित है जिसे कृष्ण वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है।

डोंगरगढ़ तीर्थ स्थल

डोंगरगढ़ को छत्तीसगढ़ का तीर्थस्थल माना जाता है और यह एक शीर्ष पर्यटक आकर्षण भी है। माँ बम्लेश्वरी के नाम से यहाँ एक प्रसिद्ध मंदिर है जो लगभग 1,600 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। मंदिर को बाडी बम्लेश्वरी भी कहा जाता है। एक और मंदिर जो इस मंदिर से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, को छोटा बम्लेश्वरी के नाम से जाना जाता है।

दशहरा के दौरान और चैत्र (रामनवमी के दौरान) के नवरात्रों के समय मंदिर में हजारों भक्तों की भीड़ यहां आती है। नवरात्रों के अवसर के दौरान, मंदिर में मेलों का आयोजन किया जाता है जो दिन में लंबे समय तक रहता है। यदि आप वर्ष के इस समय में छत्तीसगढ़ घुमने के लिए आते हैं, तो यहां देखने के लिए बहुत कुछ है।

गिरौधपुरी जैतखाम

गिरौदपुरी सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरुघासीदासजी की जन्म स्थली है जो बलौदाबाजार जिले में स्थित है।

छत्तीसगढ़ में सतनाम पंथियों के लिये यह एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जहाँ कुतुबमीनार से भी ऊँचे जैतखाम का निर्माण किया गया है।

यहां पर फाल्गुन पंचमी के दिवस विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश-विदेश के लोग भी सम्मिलित होते हैं।

मैनपाट पर्यटन स्थल

मैनपाट छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से प्रसिद्ध मैनपाट, सरगुजा जिले में स्थित है। यह स्थल सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।

मैनपाट एक अंडरग्राउंड हिल स्टेशन है। हिल स्टेशन को अभी तक पूरी तरह से व्यवसायिक नहीं बनाया गया है यही वजह है कि बहुत कम पर्यटक इस जगह के बारे में जानते हैं। मैनपाट को अक्सर छत्तीसगढ़ के शिमला और “मिनी तिब्बत” के रूप में कहा जाता है।

तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बाद तिब्बत शरणार्थियों का पुनर्वास मैनपाट में किया गया था और तब से उन्हें मैनपाट में घर मिल गया है। मैनपाट में संस्कृतियों और विविध परंपराओं का संगम केवल सुरम्य गांव के आकर्षण को जोड़ता है। व्यस्त जीवन से दूर होकर कुछ दिन सुकून और शांति पाने वाले पर्यटकों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है।


  • यहाँ पर स्थित घुमने योग्य जगह –
  1. हिल-प्वाईंट
  2. टाईगर-प्वाईंट
  3. ईको-प्वाईंट
  4. उल्टा पानी
  5. बौद्ध मंदिर
लक्ष्मण मंदिर सिरपुर

लक्ष्मण मंदिर प्राचीन स्मारक है जो ‘गहरे प्रेम’ का एक अनूठा उदाहरण है। यह पति के प्यार का प्रतीक है,नागर शैली का यह मंदिर रानी वासाटा देवी, राजा हर्षगुप्त की स्मृति में महाशिवगुप्त बालार्जुन के शासनकाल के दौरान 735-40 ईस्वी में बनवाया था।

प्यार का यह अनोखा स्मारक ताजमहल से भी पुराना है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन मंदिर के अंदर शेषनाग में लक्ष्मणजी की मूर्ति है, इसीलिए इसे लक्ष्मण मंदिर कहा जाता है। यह छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल में से एक है जिसने देश विदेश में अपनी पहचान बनाई है।

तीरथगढ़ वॉटरफॉल

तीरथगढ़ फॉल्स छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है। बस्तर जिले में जगदलपुर से लगभग 38 किमी दूर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में, कांगेर नदी की सहायक नदी मुनगा और बहार नदी में यह झरना स्थित है.यह लगभग 300 फीट की ऊँचाई से गिरते हुए, इनकी सुंदरता उस तरह से दिखती है जैसे की यह कई झरनों में विभाजित हो रहा हैं। झरना हरे भरे जंगल से घिरा हुआ है, जबकि एक छोटा सा मंदिर तीरथगढ़ फॉल्स के बगल में स्थित है।

तीरथगढ़ वॉटरफॉल को छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा झरना माना जाता है। इस झरने के पास ही मंदिर है जो शिव जी और पार्वती माता को समर्पित है। इस झरने के आसपास हरे भरे वनस्पति है जो यहाँ के वतावरण को और भी खूबसूरत बनाते हैं।

कुनकुरी जशपुर

कुनकुरी जशपुर जिले में स्थित ईसाईयों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है। जहां पर स्थित चर्च को एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च होने का गौरव प्राप्त है। प्रति वर्ष क्रिसमस के समय यहां पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। कुनकुरी के इस चर्च में करीब 10 हजार लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं।

7 छतों में भगवान का संदेश – चर्च में 7 छतें हैं। यह सब एक ही बिम पर टिकी हुई है। चर्च प्रबंधन के अनुसार, यह दर्शाता है कि भगवान ने सभी मनुष्यों का ख्याल रखा है, चर्च आकार में अर्धवृत्ताकार है। यह ईश्वर की फैली हुई भुजाओं के समान है, जो सभी मनुष्यों को अपने पास बुलाती है। इस चर्च में हर साल लगभग 5 लाख लोग आते हैं

काँगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

भारत के सबसे घने राष्ट्रीय उद्यानों में से एक के रूप में जाना जाने वाला, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक समृद्ध जैव विविधता, लुभावनी परिदृश्य, प्राकृतिक झरने, के लिए मशहूर है। पार्क छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर में स्थित है। कांगेर घाटी (घाटी) नेशनल पार्क, 200 किमी के दायरे में फैला है, यह शानदार कांगेर घाटी के बीच एक बायोस्फीयर रिजर्व है, जो 34 किमी तक फैला है।

छत्तीसगढ़ के सबसे घने राष्ट्रीय उद्यानों में से एक के रूप में जाना जाने वाला, यहाँ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक समृद्ध जैव विविधता, प्राकृतिक झरने, ऊँचे पहाड़ , गहरी घाटियाँ, विशाल पेड़ और मौसमी जंगली फूलों एवं वन्यजीवन के लिए मशहूर है। यहाँ छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर में स्थित है।

छत्तसीगढ़ घूमने आए पर्यटक इस राष्ट्रीय उद्यान को देखने जरूर आते हैं। कांगेर घाटी उद्यान लगभग 200 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ एक विशाल राष्ट्रीय उद्यान है। साथ ही इस उद्यान को एशिया का प्रथम बायोस्फियर रिजर्व (जीवमंडल) घोषित किया गया था,

इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान

छत्तीसगढ़ का इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान एक टाइगर रिज़र्व है.छत्तीसगढ़ के हरित राज्य में एकमात्र बाघ अभयारण्य, इंद्रावती नेशनल पार्क है। पास में बहती इंद्रावती नदी के कारण इसका नाम पड़ा। छत्तसीगढ़ घूमने आए पर्यटक इस अभयारण्य को देखने जरूर आते हैं।

जहा पर आप मुलाकात कर सकते है ना सिर्फ जंगल के राजा से बल्कि नील गाय, काले हिरण इत्यादि जानवरों को नीलगाय, ब्लैक बक, सांभर, गौर, बाघ, तेंदुआ, चीतल, सुस्त भालू और अनगिनत अन्य प्रजातियों के साथ पार्क में दुर्लभ और लुप्तप्राय जंगली एशियाई भैंस भी देखी जा सकती हैं। यह उद्यान छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्थित है।

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