फ्री वाई-फाई से डेटा चोरी का खतरा: बचने के उपाय | How to Stay Safe from the Risk of Data Theft on Free Wi-Fi

फ्री वाई-फाई से डेटा चोरी का खतरा: बचने के उपाय | How to Stay Safe from the Risk of Data Theft on Free Wi-Fi

फ्री वाई-फाई से डेटा चोरी का खतरा: बचने के उपाय

हैकर्स आपके डिवाइस और वाई-फाई नेटवर्क के बीच संचार को रोक सकते हैं, और संवेदनशील जानकारी जैसे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर और व्यक्तिगत डेटा चुरा सकते हैं। हैकर्स एक नकली वाई-फाई नेटवर्क स्थापित कर सकते हैं जिसका नाम असली नेटवर्क से मिलता-जुलता होता है। यदि आप इस नकली नेटवर्क से जुड़ते हैं, तो हैकर आपकी गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं और जानकारी चुरा सकते हैं।

आधुनिक डिजिटल दुनिया की अनिवार्यता

आज के डिजिटल युग में इंटरनेट के बिना एक दिन बिताना बेहद मुश्किल है। इंटरनेट के बिना कई लोग बेचैन हो जाएंगे और कईयों का कामकाज भी प्रभावित होगा। इंटरनेट के कारण सोशल नेटवर्किंग से लेकर ऑनलाइन बैंकिंग तक सब कुछ संभव हो पाया है। परंतु, इंटरनेट की इस सुविधा के साथ कई जोखिम भी जुड़े हुए हैं। क्रिमिनल हैकर्स हमेशा हमारी पहचान, बैंक अकाउंट की जानकारी और महत्वपूर्ण डेटा चुराने के लिए घात लगाए बैठे रहते हैं। इसलिए, कुछ छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर हम अपने आपको इन खतरों से बचा सकते हैं।

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का महत्व

आजकल के क्रिमिनल हैकर्स इतने शातिर हो गए हैं कि केवल पासवर्ड के सहारे अपने किसी भी अकाउंट को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है। इसलिए, अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स या किसी भी अन्य इंटरनेट अकाउंट पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को अवश्य इनेबल करें। बैंकिंग सेवाओं में ओटीपी (OTP) का उपयोग इसलिए किया जाता है ताकि कोई भी ट्रांजेक्शन बिना अतिरिक्त सुरक्षा के न हो सके। इसी प्रकार, 2FA इनेबल करने से आपका सोशल मीडिया अकाउंट बिना ओटीपी के एक्सेस नहीं किया जा सकेगा, जिससे हैकर्स के लिए आपके अकाउंट को हैक करना कठिन हो जाएगा।

फ्री वाई-फाई से बचें

भारत में सस्ता इंटरनेट उपलब्ध होने के कारण रेलवे स्टेशन, मॉल, ऑफिस या होटल जैसी जगहों पर फ्री पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क्स आसानी से मिल जाते हैं। लेकिन, ये पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क्स हैकर्स के लिए आसान निशाना होते हैं। पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क पर कई यूजर्स एक साथ जुड़े रहते हैं, और हैकर्स इन्हीं नेटवर्क्स को इंटरसेप्ट करके आपके डेटा को चुरा सकते हैं। इसलिए, कभी भी पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क्स पर सोशल मीडिया अकाउंट्स या बैंक अकाउंट्स को एक्सेस न करें। पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करते समय वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल करें, जिससे आपका इंटरनेट कनेक्शन एन्क्रिप्टेड रहेगा और आपका डेटा सुरक्षित रहेगा।

डिजिटल फुटप्रिंट का संज्ञान

इंटरनेट पर अपनी मौजूदगी का समय-समय पर जायजा लेते रहें। गाहे-बेगाहे अपना नाम सर्च करके यह देखें कि इंटरनेट पर आपके बारे में कौन-कौन सी जानकारियां उपलब्ध हैं। इस बात की जांच करें कि इनमें से कौन-कौन सी जानकारी किसी हैकर के काम आ सकती है और उसका दुरुपयोग हो सकता है। अगर आपको कोई संवेदनशील जानकारी मिलती है, तो उसे इंटरनेट से हटाने का प्रयास करें। हर 3-4 महीनों में अपने डिजिटल फुटप्रिंट का मुआयना करना एक अच्छा उपाय है। याद रखें, इंटरनेट पर सावधानी ही आपका पहला सुरक्षा कवच है।

इन जोखिमों से बचने के उपाय

VPN का उपयोग करें

एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) आपके इंटरनेट कनेक्शन को एन्क्रिप्ट करता है, जिससे आपकी ऑनलाइन गतिविधियाँ सुरक्षित रहती हैं।

HTTPS वेबसाइट्स का उपयोग करें

सुनिश्चित करें कि आप केवल उन वेबसाइट्स का उपयोग करें जो HTTPS एन्क्रिप्शन का उपयोग करती हैं, क्योंकि यह आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करता है।

फायरवॉल और एंटीवायरस का उपयोग करें

एक अच्छी फायरवॉल और एंटीवायरस प्रोग्राम का उपयोग करें जो संभावित खतरों का पता लगाने और उन्हें रोकने में मदद करता है।

साझा फाइलिंग और प्रिंटर साझा करना बंद करें

सार्वजनिक नेटवर्क का उपयोग करते समय अपने डिवाइस पर फ़ाइल और प्रिंटर साझाकरण को बंद रखें।

इन सरल उपायों को अपनाकर आप फ्री वाई-फाई का उपयोग करते समय अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं।

निष्कर्ष

फ्री वाई-फाई का उपयोग करते समय हमें अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए और अपने डेटा की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन, वीपीएन का उपयोग और अपने डिजिटल फुटप्रिंट का समय-समय पर मुआयना करके हम खुद को हैकर्स से बचा सकते हैं। इंटरनेट पर सुरक्षित रहना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि सतर्कता ही सबसे अच्छा बचाव है।

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