छत्तीसगढ़ का काशी बनने जा रहा है महादेव घाट | Mahadev Ghat Is Going To Be Kashi Of Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ का काशी बनने जा रहा है महादेव घाट | Mahadev Ghat Is Going To Be Kashi Of Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ का काशी बनने जा रहा है महादेव घाट

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की पावन धरा महादेव घाट पर "मेरे महाकाल प्रोजेक्ट" के तहत 51 फीट का भव्य शिवलिंग बनाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस शिवलिंग का निर्माण 51 लाख छोटे-छोटे पंचतत्वों से बने शिवलिंगों से किया जाएगा। इस अद्वितीय परियोजना के पूरा होने पर महादेव घाट को "छत्तीसगढ़ की काशी" कहा जाएगा, जो देश और दुनिया के सभी शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनेगा।

परियोजना की विशेषताएं:

51 फीट ऊँचा शिवलिंग:

इस शिवलिंग का निर्माण पंचतत्वों - तांबा, राख, मार्बल पावडर, गंगाजल और मिट्टी से किया जा रहा है।

विशेषज्ञ कलाकारों की टीम:

इस शिवलिंग का निर्माण उज्जैन, काशी और त्र्यंबकेश्वर के अनुभवी मूर्तिकार और कलाकारों द्वारा किया जाएगा।

स्थायित्व और मजबूती:

4x4 इंच के प्रत्येक छोटे शिवलिंग की फिटिंग वैदरप्रूफ सिलिकॉन और ब्रांडेड एडेसिव से की जाएगी, जो आजीवन मजबूती प्रदान करेंगे।

शिवलिंग पर नाम:

भक्तगण अपने पते पर शिवलिंग मंगवा कर स्वयं पूजा अर्चना और अभिषेक कर सकते हैं और फिर संस्था को भेज सकते हैं। प्रत्येक शिवलिंग पर दानदाताओं के नाम को कार्विंग कर, साधु-संतों द्वारा मंत्रोच्चार और अभिषेक करके मुख्य शिवलिंग में लगाया जाएगा।

परियोजना का महत्व:

यह परियोजना केवल एक धार्मिक संरचना नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। यह स्थान स्थानीय और बाहरी पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा, जिससे क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास भी संभव होगा। यह परियोजना शिव भक्तों के लिए एक अद्वितीय अवसर है, जो केवल किस्मत वालों और महाकाल के भक्तों को प्राप्त होता है।

संस्था और योगदान:

संस्था का नाम: "भू महाकाल जन कल्याण सेवा समिति", जो पिछले ग्यारह वर्षों से रायपुर छत्तीसगढ़ में सामाजिक और धार्मिक कार्यों में अपनी सेवा प्रदान कर रही है। कार्यालय स्थल: रिंग रोड नंबर 1, भाठागांव ब्रिज, नए अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड के पहले, यादव कॉम्प्लेक्स, दुकान नंबर-51, साई मंदिर के पास, रायपुर, छत्तीसगढ़। दान की प्रक्रिया: इच्छुक व्यक्ति 51 रुपये दान कर इस शुभ कार्य में अपना सहयोग प्रदान कर सकते हैं। दान की राशि संस्था के स्कैनर या अकाउंट नंबर पर भेजकर, पेमेंट डिटेल और नाम व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं। गुप्त दान भी स्वीकार किया जाएगा।


समाज और सरकार का समर्थन:

छत्तीसगढ़ के लाडले मंत्री और यशस्वी सांसद माननीय श्री बृजमोहन अग्रवाल जी ने भी इस महाकाल प्रोजेक्ट को सराहा है। उन्होंने संस्था को शुभकामनाएँ दीं और छत्तीसगढ़ के इस भव्य ऐतिहासिक शिवलिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और अपनी श्रद्धा अनुसार दान व सहयोग करने का निवेदन किया। जय महाकाल!

निर्माण सामग्री और प्रक्रिया:

भगवान शिव को पृथ्वी का तत्व माना गया है, इसी सत्य को ध्यान में रखते हुए इस शिवलिंग का निर्माण पंचतत्वों - तांबा, राख, मार्बल पावडर, गंगाजल और मिट्टी से किया जाएगा। ये पंचतत्वों से बने शिवलिंग 4x4 इंच के होंगे और इनकी फिटिंग वैदरप्रूफ सिलिकॉन और ब्रांडेड एडेसिव से की जाएगी। ये सामग्री शिवलिंग को सदियों तक मजबूत बनाए रखेंगी।

आप चाहे तो शिवलिंग अपने पते पर मंगवा सकते हैं और स्वयं पूजा अर्चना व अभिषेक कर संस्था को भेज सकते हैं। आपके द्वारा दी गई या 51 रुपये की राशि से लगवाए गए शिवलिंग पर आपका नाम अंकित किया जाएगा और साधु-संतों द्वारा मंत्रोच्चार और अभिषेक करके मुख्य शिवलिंग में स्थापित किया जाएगा।

आप जितने भी शिवलिंग लगवाना चाहते हैं, उन शिवलिंगों की दान राशि संस्था के स्कैनर या अकाउंट नंबर पर भेजकर उनका स्क्रीनशॉट या पेमेंट डिटेल व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं। गुप्त दान भी स्वीकार किया जाएगा। आप घर के प्रत्येक सदस्य के नाम से, रिश्तेदारों, दोस्तों, बड़े बुजुर्गों और स्वर्गवासी माता-पिता व पूर्वजों के नाम से भी शिवलिंग अर्पित कर सकते हैं।

समय सीमा:

शिवलिंग तैयार होने में निर्माण कार्य की समय सीमा आपके सहयोग और दान राशि पर निर्भर करती है। जैसे-जैसे संस्था को दान राशि प्राप्त होती जाएगी, उतनी तेजी से निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। भक्तों का सहयोग समय पर प्राप्त होने पर इस ऐतिहासिक शिवलिंग के निर्माण की समय सीमा 2 वर्ष होगी।

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