चलना: वजन घटाना और स्वास्थ्य में सुधार का सबसे आसान उपाय। नियमित चलना, वजन नियंत्रित रखने में सहायक होता है और दिल की सेहत को भी सुधार देता है। इससे मानसिक तनाव बढ़ता है, दिमाग शांत होता है, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा कम होता है। सही तरीके और योजना के साथ नियमित चलना आपकी चर्बी को भी जल्दी से जल्दी काम करने में सहायक होता है।
ऐसा कार्डियो वर्क आउट करें, जिसमें हार्ट रेट अधिकतम क्षमता के 60 से 70% तक पहुंच जाए। इसे जोन-2 कार्डियो कहते हैं।
हार्ट रेट को इस तरीके से निकालें: पहले, अपनी अधिकतम हार्ट रेट को पता करें। इसके लिए अपनी वर्तमान उम्र को 220 से घटा दें। जैसे कि, यदि आपकी उम्र 50 वर्ष है, तो आपकी अधिकतम हार्ट रेट 170 बीट प्रति मिनट होगी। यह 60 से 70 प्रतिशत, यानी 102 से 119 बीट प्रति मिनट, के जोन-2 में आता है। आप इसे फिटनेस वॉच या बैंड के माध्यम से निगरानी कर सकते हैं। या फिर, टॉक टेस्ट करें। जैसे कि, यदि वॉक करते समय आप बात कर पा रहे हैं, तो आप जोन-2 में हैं। और अगर आपकी सांस फूली है और आप पूरे वाक्य नहीं बोल पा रहे हैं, तो आप जोन-3 में हैं। ध्यान दें, जोन-2 का यह व्यायाम नहीं है। लाम: इस जोन में एक्सरसाइज से शरीर फैट तेजी से बर्न करता है। जमा फैट को इस्तेमाल करने लगता है। इसे डेली रूटीन में आसानी से शामिल कर सकते हैं।
सुबह खाली पेट वॉक करना शरीर को बाँधी हुई फैट को ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करने में मदद करता है, क्योंकि इस समय शरीर में ग्लाइकोजन की कमी होती है, जो एक प्रकार का शरीर में शुगर होता है।
कैसे करें: रोज मध्यम तेजी से वॉक करें और पर्याप्त पानी पिएं। यदि आपको फिर भी कमजोरी या चक्कर आते हैं, तो वॉक से पहले कुछ हल्का खाना लेना भी फायदेमंद है। इससे फैट के बर्न होने की प्रक्रिया तेज होती है, जिससे शरीर के जमे हुए फैट को तेजी से खत्म किया जा सकता है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी बढ़ाता है, जो वजन घटाने में मदद करता है।
चढ़ाई पर वॉक करने से शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और इसके लिए विभिन्न मांसपेशियों की जरूरत होती है। इससे फैट जल्दी बर्न होता है।
कैसे करें: चढ़ाईदार मार्ग का चयन करें या ट्रेडमिल को इंक्लाइन करें। पहले चढ़ाई पर चलें, फिर समतल जगह पर वॉक करें। हल्की चढ़ाई से शुरू करें। लाभ: चढ़ाई पर वॉक से हार्ट रेट बढ़ता है और कैलोरी जल्दी बर्न होती है। इससे फैट कम होता है और मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, साथ ही हार्ट की कार्यक्षमता भी बढ़ती है।